अंतर्राष्ट्रीय पारिस्थितिकी अनुसंधान सहयोग: वैश्विक प्रयासों से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम

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अंतर्राष्ट्रीय पारिस्थितिकी अनुसंधान सहयोग

2 IUCNपारिस्थितिकी अनुसंधान में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग आज के समय में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है। विभिन्न देशों के वैज्ञानिक और अनुसंधान संस्थान मिलकर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करने के लिए नए समाधान खोज रहे हैं। इस लेख में, हम अंतर्राष्ट्रीय पारिस्थितिकी अनुसंधान सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा करेंगे।

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अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की भूमिका

अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) एक वैश्विक संगठन है, जो पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देता है। इसकी स्थापना 1948 में हुई थी, और यह सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, वैज्ञानिकों और स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर कार्य करता है। IUCN की रेड लिस्ट विलुप्तप्राय प्रजातियों की स्थिति का आंकलन करती है, जो जैव विविधता संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। IUCN के बारे में और जानें

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भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय और विदेशी विद्वानों को संवाद और शोध करने का अवसर प्रदान करती है। इसका उद्देश्य भारत और विदेशों में सामाजिक वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक संबंधों को बढ़ावा देना है। परिषद, भारत सरकार और अन्य देशों की सरकारों के बीच हस्ताक्षरित सांस्कृतिक विनिमय करार (सीईपी) और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रमों (ईईपी) के सामाजिक विज्ञान घटक की कार्यान्वयन एजेंसियों में से एक है। ICSSR के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में अधिक पढ़ें

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विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्राष्ट्रीय प्रयास

विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के सभी प्रमुख क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की सुविधा प्रदान कर रहा है। विभाग विभिन्न देशों के साथ संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाओं, संगोष्ठियों, फैलोशिप, प्रशिक्षण कार्यक्रमों, अनुसंधान क्षमता निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में सक्रिय रूप से शामिल है। यह सहयोग भारतीय शोध को वैश्विक प्रयासों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। DST के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में जानें

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आपदा जोखिम न्यूनीकरण में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद की भूमिका

अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान परिषद (ISC) आपदा जोखिम न्यूनीकरण के महत्व को पहचानती है और उसका समर्थन करती है। ISC और संयुक्त राष्ट्र आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यालय (UNDRR) के बीच एक मजबूत कार्य साझेदारी है, जो वैश्विक स्तर पर आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए विज्ञान और नीति के इंटरफेस को मजबूत करने में सहायक है। ISC के आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रयासों के बारे में अधिक पढ़ें

7 2024

ISRO का अंतर्राष्ट्रीय सहयोग

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के साथ पृथ्वी अवलोकन, चंद्र सहयोग और उपग्रह नेविगेशन में सहयोग की समीक्षा की है। दोनों एजेंसियां संयुक्त चंद्र ध्रुवीय अन्वेषण (LUPEX) मिशन पर काम कर रही हैं, जिसका लक्ष्य 2024 तक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर और रोवर भेजना है। ISRO के अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के बारे में जानें

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संरक्षित प्लेनेट रिपोर्ट 2024 और जैव विविधता संरक्षण

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और IUCN द्वारा जारी संरक्षित प्लेनेट रिपोर्ट 2024 में संरक्षित क्षेत्रों का वैश्विक मूल्यांकन प्रदान किया गया है। रिपोर्ट में कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैवविविधता फ्रेमवर्क (KM-GBF) के लक्ष्य 3 को प्राप्त करने में हुई प्रगति एवं आगे आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया है। संरक्षित प्लेनेट रिपोर्ट 2024 के बारे में अधिक पढ़ेअंतर्राष्ट्रीय पारिस्थितिकी अनुसंधान सहयोग

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